Thursday, August 18, 2016

झख

 -- एक --
जाम पीके परतें खुलती चली गयी,
एक दर्द था अटक हुआ
वो भी डकार के साथ बाहर  आ गया।

-- दो --
ट्रैफिक में रुका हुआ, मैं ख्यालों में खोया था
जिंदगी की जद्दोजहद को समझ रहा था
एक ऑटो वाला आया और कट मार के निकल गया

-- तीन --
सुबह ब्रश करने से दांत साफ़ होते हैं
रात को ब्रश करने से दांत साफ़ होते हैं
तो क्या दोपहर को ब्रश करने से दांत साफ़ नहीं होते?

-- चार --

चलते रहना

चलते रहना   मन निराश हो, हताश हो खुश हो, पलाश हो इसके बावजूद तुम चलते रहना कुछ फर्क पड़े न पड़े क्या फर्क पड़ता है ...